Former SSP Order: चंडीगढ़ कीं पूर्व SSP निलांबरी विजय जगदले ने यह आदेश जारी किए थे ..
Former SSP Order
चंडीगढ़। Former SSP Order: चंडीगढ़ पुलिस की 'ढीली कार्रवाई' की वजह से लावारिस लाशों के संस्कार में देरी हो रही है। शहर में मिलने वाली ज्यादातर लावारिस लाशों का समय पर पोस्टमॉर्टम नहीं होता। ऐसे में उनका संस्कार भी देरी से होता है। कई दिनों तक अस्पतालों की मोर्चरी में यह लावारिस लाशें पड़ी रहती हैं। शहर की सामाजिक संस्थाओं तक जब यह लावारिस लाशें संस्कार के लिए पहुंचती हैं तब तक इनकी हालत काफी खराब हो चुकी होती है।
शहर की पूर्व SSP निलांबरी विजय जगदले ने अक्तूबर 2018 में आदेश जारी किए थे कि 7 दिनों के भीतर लावारिस शवों के पोस्टमॉर्टम और अन्य प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। इसके बावजूद पुलिस लावारिस लाशों के संस्कार में देरी कर रही है। चंडीगढ़ में पिछले 24 वर्षों से लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहे मदन लाल वशिष्ठ ने सवाल उठाए हैं।
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लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में देरी
उन्होंने कहा कि SSP के ऑर्डर के बावजूद लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में देरी की जा रही है। ऐसे में उनकी ऑल इंडिया सेवा समिति संस्था को कई बार काफी बुरी हालत में बॉडी का संस्कार करना पड़ता है। अनुचित देरी से बॉडी खराब होने लगती है। यह स्थिति मानवता को शर्मिंदा करती है। वहीं मृत व्यक्ति के शव के नैतिक सम्मान के भी खिलाफ है।
जानकारी के मुताबिक, लावारिस शवों का संस्कार वैसे तो 72 घंटों में हो जाना चाहिए, मगर फिर भी किन्हीं हालातों में 4 से 5 दिन की देरी भी हो जाती है। चंडीगढ़ में कई बार काफी ज्यादा देर हो जाती है। वहीं पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और GRP लगभग 72 घंटों में लावारिस शव का पोस्टमॉर्टम करवा देती है और समय पर संस्कार हो जाता है।
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लावारिस लाशों में इस प्रक्रिया की होती है पालना
किसी भी थाना क्षेत्र में लावारिस लाश मिलने पर इसे पहले अस्पताल पहुंचाया जाता है। इसके बाद संबंधित थाना पुलिस को सूचना दी जाती है। उसकी जानकारी लेकर सरकारी फोटोग्राफर फोटो उतारता है। थाना पुलिस उसकी फाइल तैयार करती है। SHO से फाइल DSP और फिर SSP को जाती है। शव की शिनाख्त के लिए सूचना सार्वजनिक की जाती है। CRPC की धारा 174 के तहत कार्रवाई करते हुए उसका पोस्टमॉर्टम किया जाता है।